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मनुज क्लांत यहाँ जब हो सुनो। 111 211 211 212 मुदि

मनुज क्लांत यहाँ जब हो सुनो।
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मुदित अंतस हो धुन वो चुनो।।
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भजन कीर्तन स्तुति चलो करो।
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जगत पीर अभी तुम जी हरो।।
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©Bharat Bhushan pathak
  
#worldmusicday#drutvilambitchhand#chhandgyaan#द्रुतविलम्बितछंद#nojotohindi#nojotopoetry#nojotohindi2020#nisheetpandey#ripudamanjhapinaki#vijaybesharm
द्रुतविलम्बित छंद विधान:-यह एक वर्णिक छंद है।इसमें चार चरण होते हैं।इस छंद के प्रत्येक चरण या पद में बारह वर्ण क्रमशः नगण,भगण-भगण एवं रगण के क्रम में होते हैं।
नगण+भगण+भगण+रगण
नगण=III
भगण=SII
भगण=SII
रगण=SIS

#worldmusicday#drutvilambitchhand#chhandgyaan#द्रुतविलम्बितछंद#nojotohindi#nojotopoetry#nojotohindi2020#nisheetpandey#ripudamanjhapinaki#vijaybesharm द्रुतविलम्बित छंद विधान:-यह एक वर्णिक छंद है।इसमें चार चरण होते हैं।इस छंद के प्रत्येक चरण या पद में बारह वर्ण क्रमशः नगण,भगण-भगण एवं रगण के क्रम में होते हैं। नगण+भगण+भगण+रगण नगण=III भगण=SII भगण=SII रगण=SIS #Poetry

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