ख़यालों में लम्हों को साल महीने करने वाले हैं, फिर नये महबूब के साथ हम जीने मरने वाले हैं लानत है इश्क़ से पहले तारीफ़ की रिवायत पर जाने हम कितने हुस्न के झूठे क़सीदे पढ़ने वाले हैं! जिनको हमारी हर नज़र से परहेज़ है इन दिनों, वही एक दिन हमें आईना बनाके संवरने वाले हैं! हमने जिन दिलों पर कभी अपना नाम लिखा है उनकी तिजारत में कितने नसीब बिगड़ने वाले हैं! ©Shubhro K #flirt