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झीणो झीणो चले बायरो, सुहावनों लागी हमें तावडो, पंख

झीणो झीणो चले बायरो,
सुहावनों लागी हमें तावडो,
पंखा होसी बंद ठंड़ा पानी सु लागी डर,
कंबल रजाई निकालनी आएगी रूत,
चाय पीवाला भर भर तालो,
अब गुलाबी ठंड आयगी मन भावनी।

©Priya Gour
  झीणो = धीरे 
बायरो= हवा
तावडो= धूप
तालो= कटोरी का बहुत बड़ा रुप

मारवाडी कविता लिखने का प्रयास काफी समय बाद ❤🌸
welcome gulabi thandak 😍
#मारवाड़ी
priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator
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झीणो = धीरे बायरो= हवा तावडो= धूप तालो= कटोरी का बहुत बड़ा रुप मारवाडी कविता लिखने का प्रयास काफी समय बाद ❤🌸 welcome gulabi thandak 😍 #मारवाड़ी #sadak #28October

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