"आपके नेताजी" दागी होकर भी बेदाग निकलने की आदत है हमें , सूट-बूट पेहनकर चोरी करने की आदत है हमें। भविश्य चाहें बिगड़े लाखो का, सत्ता सुख में है मग्न हम । सुस्ती की आदत तुम्हारी, बस उसी से है हिम्मत हमारी लाख दे दो गाली हमें, पर आपके ही वोटों से जन्में है हम। ~प्रवीण #नेताजी #dirtypolitics