मन की मधुशाला... कोरा कागज था जैसे कोई रिक्त प्याला अक्षर उतरे ऐसे,भर दी हो उसमें हाला ऐसी ठहरी तूलिका की मधुशाला.. ललक रहती हर पल लिखने को न होती शांत अब ये ज्वाला ऐसी ठहरी ...... लाख समझाया मन को बेशक हिलोरें भरती बहती धारा ऐसी ठहरी ........ मधुशाला से प्रेरित #मन की हाला #घूंट घूंट पिला दी अपने शब्दों से ऐसी है मन की मधुशाला #yqlove #yqdiary #tulikagarg