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मत बरसो री बरखा बैरन! मोहे पिया की याद सतावै!!

मत बरसो री बरखा बैरन! 
मोहे पिया की याद सतावै!! 

जब चले है हवा पुरवाई! 
धानी चुनर मोरी उड़ी उड़ी जावै!! 

उमड़ घुमड़ मत बरसों रे मेघा! 
बूंद बरखा का है तन सिहरावै!! 

चपला चमके जीयरा मोरा डोले! 
मन बिरहन के मारे हिलोरे!! 

बैरी पिया सुधीयो नहीं लेवै! 
बरखा बैरन जियरा तरसावै!!

©Sudha Pandey varsha vairan
मत बरसो री बरखा बैरन! 
मोहे पिया की याद सतावै!! 

जब चले है हवा पुरवाई! 
धानी चुनर मोरी उड़ी उड़ी जावै!! 

उमड़ घुमड़ मत बरसों रे मेघा! 
बूंद बरखा का है तन सिहरावै!! 

चपला चमके जीयरा मोरा डोले! 
मन बिरहन के मारे हिलोरे!! 

बैरी पिया सुधीयो नहीं लेवै! 
बरखा बैरन जियरा तरसावै!!

©Sudha Pandey varsha vairan
sudhapandey5361

Sudha Pandey

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