White निज विचार ््््् भावचित्र ्् ्््शीर्षक ्् ््मैं कौन हूं ्् पहले आगे कौन आयेगा, पहले खूद सवाल उठाने वाले, अपना प्रश्न के उतरदायी कथन का,, पहला परित्याग स्वयं करें, जनसेवा ही मानव धर्म कर्म है,।।1 ।। पहले आप पहले आप नहीं, हम से करो तैयारी है।।2 ।। यह मनोभाव अनोखा खिलौना रथसारथी,, मनकी फिरकनी फैरने से, एकाग्रता से जन्मा विचार सच है।।3।। सतश्रीकाल सतसाहेब ,, जब तक घर घर में चूल्हा चौका,, चौका चौकी घर व्दारी में,, अगल बगल नहीं होता है, मानव मानव धर्म कर्म एक है।।4 ।। तभी वो लफ्जो का नूर ्मोह ्,, और सपना पूरा सब कुछ, ईश्वर सत्य सतनाम है।।5 ।। नामदान सदगुरु दीक्षा है, और मंत्रशक्ति में अर्थ छुपा है,, जो देता है वो लफ्जो से नहीं, बल्कि आत्मिक शक्ति पूंज , आत्मिक सुख की विवेचना है।।6 ।। विचार सच में करो जो कह रहे हो वो है,, क्या उदाहरण सिर्फ त्वमेव विद्या बालकं ज्ञानबोध,।।7 ।। गुरुकुलंन्यायपीठ ब़म्हकर्म मंत्रधर्म बम्हसृष्टि कर्मनिष्ठभाव ब़म्हाण्ड स्वरध्वनि अखण्ड दिव्य चक्षुसंवरचना,, निर्राकारंओकारंआत्मज्योतिनवपिण्ड सनातन विचार सच है।।8 ।। ््््निजविचार । कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand #Tulips मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस