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कहते हैं कि पढ़ने लिखने से क्या होता है? मैं बताती

कहते हैं कि पढ़ने लिखने से क्या होता है? मैं बताती हूं कि क्या होता है।

एक पढ़ी लिखी स्त्री, अपनी पूर्वज के अंधविश्वास आधारित धर्म को बड़े गर्व के साथ तर्कों से पोषित करने लगती है। बुढ़िया अपने जमींदार के जूते सीधे करती थी, जवान औरत जमींदार के बगल में बैठकर साथ में मनुवाद के नारे लगा रही है।

इससे ज्यादा और कितना स्त्री सशक्तिकरण आपको चाहिए? #मनुवाद #स्त्री_सशक्तिकरण #ब्राह्मणवाद #पितृसत्ता #InternalizedMisogyny
कहते हैं कि पढ़ने लिखने से क्या होता है? मैं बताती हूं कि क्या होता है।

एक पढ़ी लिखी स्त्री, अपनी पूर्वज के अंधविश्वास आधारित धर्म को बड़े गर्व के साथ तर्कों से पोषित करने लगती है। बुढ़िया अपने जमींदार के जूते सीधे करती थी, जवान औरत जमींदार के बगल में बैठकर साथ में मनुवाद के नारे लगा रही है।

इससे ज्यादा और कितना स्त्री सशक्तिकरण आपको चाहिए? #मनुवाद #स्त्री_सशक्तिकरण #ब्राह्मणवाद #पितृसत्ता #InternalizedMisogyny