पुरानी हो गईं वो दास्तां, पुराना हो गया अब वो चलन,
खो गई नानी दादी की कहानियाँ, सूने हुए घर आँगन,
महकते गुलाब सब सूख गये, जल रहा चमन चमन,
गूँगे बहरे हो गये अब पेड़ पौधे, शोर हो गया दमन।
खो गये ज़मीं आसमाँ, फैल रहा है हर तरफ अमन,
खो गये इन्सान अपनी ही दौड़ में, खो गया अपनापन,
अकेले अकेले चल रहे भीड़ में भी, भयभीत तन मन, #yqbaba#yqdidi#yqhindi#महाभारत#परछाइयाँ#bestyqhindiquotes#yqqoutes