यूं ही बहता ये जो वक़्त का दरिया है छीनना चाहता है मुझसे तुझे या तेरे और करीब होने का जरिया है अब डूब जाना चाहता हूं तेरे इश्क़ में कुछ इस क़दर और भी जैसे इन हवाओं में घुला हुआ ये रंग केसरिया है। - Sparsh Gaur #ASG रंग केसरिया