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रहता हूँ किरायऐ की काया में,रोज सासों को बेच कर क

रहता हूँ किरायऐ की काया में,रोज सासों  को बेच कर कि राया चुकाता हूँ।
मेरीऔकात हैं बस मिट्टी जितनी बस मैं महल मिर्नारो की कर जाता हूँ....

©Pintu
  रहता हूँ किरायऐ की काया में,रोज सासों  को बेच कर कि राया चुकाता हूँ।
मेरीऔकात हैं बस मिट्टी जितनी बस मैं महल मिर्नारो की कर जाता हूँ....
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Pintu

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रहता हूँ किरायऐ की काया में,रोज सासों को बेच कर कि राया चुकाता हूँ। मेरीऔकात हैं बस मिट्टी जितनी बस मैं महल मिर्नारो की कर जाता हूँ.... #शायरी

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