बचपन में रेंगते, वो खेत में काम करते दोस्तो संग खेलते, घर की नींव रखते हर वक्त जब भी जमीं से जुड़ाव रखोगे यूं ही मिट्टी की भीनी खुशबू धीरे धीरे पूरे जिस्म में घुल जाएगी और जिस्मानी तौर पर मजबूत कर जाएगी। न कोई होशियारी चलेगी, न कोई चालाकी कर लो तरकीब, कितना इसको दे पाओगे बन जाओ हबीब इसके, प्यार बहुत पाओगे मुट्ठी बांध कर आए थे, खोल कर चले जाओगे पैदा इसी से हुए, इसी में मिल जाओगे यहीं रहोगे, यहीं जीना पड़ेगा मिट्टी का कर्ज अदा करने पड़ेगा न कोई दबाव है, न कोई भी फर्ज जिसने हमको दिया, उसको देने में क्या कोई हर्ज जब भी जमीन से जुड़े रहोगे यूं ही मिट्टी की भीनी खुशबू धीरे धीरे पूरे जहां में घुल जाएगी और इस जहां को, संसार को अपने रंग में रंगते हुए अमर बना जाएगी। #बचपन #दोस्त #घर #जमीन #मिट्टी #खुशबू #जमीं #yqdidi 𝘠ourQuote Didi Vaibhav Dev Singh