इन्तेजार में दिन,हफ्ते,महीने हम भूल गए, आप लौट आने वाले थे क्या भूल गए, हमको लगा कि आप दिल के पक्के हो, क्या पता था आप सिर्फ बातों के ही सच्चे हो, हम ईबादत भी करते उसमे भी आपका जिक्र करते, आप साथ हो कर भी हमारी फिक्र नही करते, हमारी गलती आपके लिए गुनाह हो जाती, हमको आपकी गलती भी नादानी सी भाती, आप जो रूठ जाते तो हम माफी माँग आपको मनाते, एक आप हैं जो अपनी मोहब्बत ही नही दिखाते, हम समझ गए कि आप ऊब गए हैं, बस बहाना ये दिया कि आप रूठ गए हैं, लौट आने वाले थे क्या भूल गए हैं। विवेक सिंह राजावत। लौट आने वाले थे लोग वो कहाँ रह गए। #लौटआनेवाले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi