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समझना ज़ीस्त को दुश्वार है ‘सुब्रत’ अना इतनी कि समझ

समझना ज़ीस्त को दुश्वार है ‘सुब्रत’
अना इतनी कि समझदार है ‘सुब्रत’
 
क्या गिला क्या शिकवा ज़माने से
बस दफन को बेकरार है ‘सुब्रत’
 
दर्द के लिबास में रूह है मेरी
पलकों पे दर्द का आबशार है ‘सुब्रत’
 
इतना मत सताओ की मर जाए हम
हाँ चश्म-ए-जानाँ से ख़्वार है ‘सुब्रत’....

©Anuj Subrat समझना ज़ीस्त को दुश्वार है 'सुब्रत'......~अनुज सुब्रत ( Author of "Teri gali mein")


शब्दार्थ :-

ज़ीस्त :- ज़िंदगी
दुश्वार :- मुश्किल
अना :-  अहंकार ,  ego
समझना ज़ीस्त को दुश्वार है ‘सुब्रत’
अना इतनी कि समझदार है ‘सुब्रत’
 
क्या गिला क्या शिकवा ज़माने से
बस दफन को बेकरार है ‘सुब्रत’
 
दर्द के लिबास में रूह है मेरी
पलकों पे दर्द का आबशार है ‘सुब्रत’
 
इतना मत सताओ की मर जाए हम
हाँ चश्म-ए-जानाँ से ख़्वार है ‘सुब्रत’....

©Anuj Subrat समझना ज़ीस्त को दुश्वार है 'सुब्रत'......~अनुज सुब्रत ( Author of "Teri gali mein")


शब्दार्थ :-

ज़ीस्त :- ज़िंदगी
दुश्वार :- मुश्किल
अना :-  अहंकार ,  ego
anujsubrat6240

Anuj Subrat

New Creator

समझना ज़ीस्त को दुश्वार है 'सुब्रत'......~अनुज सुब्रत ( Author of "Teri gali mein") शब्दार्थ :- ज़ीस्त :- ज़िंदगी दुश्वार :- मुश्किल अना :-  अहंकार ,  ego #शायरी #dafan #Ana #subrat #Samjhdaar #aabshar #Dushvar #Khwaar #chsm_e_jaana