Unsplash रचना दिनांक,13 दिसम्बर 2024 वार शुक्रवार समय शाम छह बजे ््निज विचार ्् ््भावचित्र ्््भावचित्र ् ्निज विचार ् विषय ज्ञानरस लोकसृजनमें में जनमानस में परम्परागत रूप में विषय बिन्दु सनातन विचार सच में जहां सुधार हो वहां आर्थिक सम्पन्नता से सजाया गया ्विवाह संजोग और अन्य संस्कार और पन्द्रह है ्जहा आर्थिक सम्पन्नता और कर्ज लेकर कन्या दान और फिर,अपराध,या फिर तलाक जैसे मसले समाज सभ्यता संस्कृति की दिशा तय करते हैं ् ़्जन्म और मृत्यु निश्चित रूप है्् ् शीर्षक ् ।1।जन्म बालक का हो या फिर कन्या का सूरज पुजन निश्चित होता है तबके आयोजन में इष्ट मित्रों रिश्तेदारों को भूखा रहना चाहिए ्गिफ्ट नहीं लेना चाहिए वह ।2।फिर मुण्डन संस्कार में शामिल हो तो समझ सकते हैं मुंह पर ताला लगा होना चाहिए । ।3।वह यज्ञोपवीत संस्कार में शामिल समन्वय से सार्वजनिक रूप से चंदा कर विप्र समाज में सभ्यता संस्कृति में संस्कार परिवार में जरुरी है सत्संग और पुण्यस्नान यत्नपूर्वक कराये और मामेरा प्रथा बंद कर भोजन पर फूल स्टाफ बहुत जरूरी है ् ।4।अब रहा सवाल अपने माता पिता बन्धुओं से पीड़ित मनोरोगी अपनी जवानी में रख नहीं सकते क्योंकि भारत मे मंहगाई और बेरोज़गारी हम दो हमारे दो का परिवार में भी इन्सानी मानस में निरन्तर विरोध कलह व्याप्त है मन अशांत है ्कारण एक है संयुक्त परिवार छिन्न भिन्न है ्मांऔर बाप कही ्कही वृध्दाश्रम में विराजमान हैं ् ।5।अब ऐसे कुछ परिवार जो माता पिता की सम्पत्ति के हकदार हैं और उनका शोषण करते हैं और आगे बढ़ो तो तर्क वितर्क तथ्य से परेय अनजान हो जाते है वह ।6। व्यक्तिगत जीवन में निर्धनता होती है जो समाजिक कोढ़ है उसका उन्मूलन हो सकता है सीखना है तो दारुदीन बोहरा समाज सभ्यता से प्रेरणा ले सकते है ।7। देश के सनातन विचार सच के शंकराचार्य स्वामी विद्वान से आयोजित कुंभ मेला इलाहाबाद में आयोजित करवाकर क़ान्तिकारी पहल करें, ।8।नहीं आज हर कोई बाशिन्दा अपने घर आंगन में भगतसिंह अब्दुल हमीद पैदा करना नहीं चाहता है ्पैदा हो तो पडौसी के घर आंगन में भगतसिंह का जन्म होना चाहिए 13,, दिसंबर 2024,,्् ्कवि शैलेंद्र आनंद ् ©Shailendra Anand #lovelife मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क कवि शैलेंद्र आनंद