किस्मत के भी कई रूप है जनाब, यहां हमने अंधो को देखते हुए देखा। और गुंगो को बोलते हुए सुना है। जगह जगह बैठे है लोग फरेब का मुखौटा पहने। फिर कैसे कोई अजनबी अपना है। उसकी हंसी भी दिलकश थी। मुलाकाते तो दिल छू गई। पर उसकी बातो मे कुछ कशमकश थी। हम भी शातिर थे । चेहरा पैछानने में माहिर थे। #Lokeshpal #sabdkarita #मुखौटा #life #nojoto #love #lokeshpal #shabdkarita #duniya #poem