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ज़िन्दगी बहुत हसीन, बहुत खूबसूरत है मगर कभी कभी जा

ज़िन्दगी बहुत हसीन, बहुत खूबसूरत है मगर
कभी कभी जाने क्यूं इससे ख़ौफ आता है
कभी न खत्म होने वाला इंतज़ार हो जैसे
ज़ुबां चुप सी है पर दिल में शोर हो जैसे
रंग बिखरे हैं हर कहीं और मेरा इन्द्रधनुष बेरंग हो जैसे
मोहब्बत ही तो है मुझमें, मैं कोई और हूं जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे
तेरे होने से चलती है, सांसें तेरी डोर हो जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे

खुश रहने की वजह तो है, 
औरों को खुश रखने की चाह भी बहुत है
मगर कभी कभी जाने क्यों दिल उलझ सा जाता है
जो करीब हैं, दिल से कहीं दूर हो जैसे
फासले हैं नहीं पर कदम उठ न पाते हो जैसे
जिस्म घिरा रहता है भीड़ में पर रूह तनहा हो जैसे
लब मुस्कुराते हैं और आंखें ग़म छुपाती हो जैसे
दिन बहुत छोटे और रातें सदियों सी लंबी हो जैसे
कभी कभी यूं ही ज़िन्दगी से खौफ़ आता है जैसे 
जाने क्यूं ज़िन्दगी से ख़ौफ आता है! ज़िन्दगी बहुत हसीन, बहुत खूबसूरत है मगर
कभी कभी जाने क्यूं इससे ख़ौफ आता है
कभी न खत्म होने वाला इंतज़ार हो जैसे
ज़ुबां चुप सी है पर दिल में शोर हो जैसे
रंग बिखरे हैं हर कहीं और मेरा इन्द्रधनुष बेरंग हो जैसे
मोहब्बत ही तो है मुझमें, मैं कोई और हूं जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे
तेरे होने से चलती है, सांसें तेरी डोर हो जैसे
ज़िन्दगी बहुत हसीन, बहुत खूबसूरत है मगर
कभी कभी जाने क्यूं इससे ख़ौफ आता है
कभी न खत्म होने वाला इंतज़ार हो जैसे
ज़ुबां चुप सी है पर दिल में शोर हो जैसे
रंग बिखरे हैं हर कहीं और मेरा इन्द्रधनुष बेरंग हो जैसे
मोहब्बत ही तो है मुझमें, मैं कोई और हूं जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे
तेरे होने से चलती है, सांसें तेरी डोर हो जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे

खुश रहने की वजह तो है, 
औरों को खुश रखने की चाह भी बहुत है
मगर कभी कभी जाने क्यों दिल उलझ सा जाता है
जो करीब हैं, दिल से कहीं दूर हो जैसे
फासले हैं नहीं पर कदम उठ न पाते हो जैसे
जिस्म घिरा रहता है भीड़ में पर रूह तनहा हो जैसे
लब मुस्कुराते हैं और आंखें ग़म छुपाती हो जैसे
दिन बहुत छोटे और रातें सदियों सी लंबी हो जैसे
कभी कभी यूं ही ज़िन्दगी से खौफ़ आता है जैसे 
जाने क्यूं ज़िन्दगी से ख़ौफ आता है! ज़िन्दगी बहुत हसीन, बहुत खूबसूरत है मगर
कभी कभी जाने क्यूं इससे ख़ौफ आता है
कभी न खत्म होने वाला इंतज़ार हो जैसे
ज़ुबां चुप सी है पर दिल में शोर हो जैसे
रंग बिखरे हैं हर कहीं और मेरा इन्द्रधनुष बेरंग हो जैसे
मोहब्बत ही तो है मुझमें, मैं कोई और हूं जैसे
मेरे अंदर तू ही तू है पर तू कोई और हो जैसे
तेरे होने से चलती है, सांसें तेरी डोर हो जैसे

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