#प्रेमी_दिल_ढूंढे_एक_ठिकाना #मन_निर्मल पावन उपवन का चप्पा चप्पा है चमन बना, चितचोर बसा,चंचल चपला हो प्रेमी दिल सखी #प्रेम भरा। वो प्रेम नहीं चुल्लू एक दो, हो प्रीत भरा #सागर सखी री मैं मोती सी उस सागर में, वहां प्रेम सीप में कैद रहूं। या सखी उस मनउपवन पावन में जिसका हो सदन चंदन का बदन, की सरस सुंगधित सुमन सजी फुलवारी , में बन फूल सजूं। वो प्रेम पूरित भावों से भरे मन आंगन की हर प्रेम गली, मैं महक बनी संग पवन फीरूं।। वीणा खंडेलवाल तुमसर (महाराष्ट्र) ©veena khandelwal #SAD