चढ़ती रात के संग कई यादें लौट आती हैं, पसरा सन्नाटा और चीखती बेचैनियां, हर दफ़ा आंखों से यूं ही छलक जाती हैं। मांँ बाबा के चहरे कि बढ़ती झुर्रियां, ना जाने क्यों मुझे इतना सताती हैं। वक्त आखिर किसके पास कितना है, बस इसी उलझन में मेरी रात ढल जाती है!! ©Naina #raat #uljhan #death #oldage #yaadein #sannata #Moon