जिंदगी मे जो लोग कैलकुलेशन से चलते हैं वे प्रायः दुखी होते चले जाते हैँ क्योंकि उनका सब हिसाब पहले से ही तय है क़ि क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए लेकिन हिसाब किताब और खाने पीने क़े गणित से ही जीवन क़े हल निकलते होते तो अब तक निकल चुके होते इसलिए हमें चाहिए क़ि हम गणित से थोड़ा बाहर आकर जीवन रहस्य का आनंदले.. हो सकता है क़ि वर्षो की गणित उपासना से जो नहीं मिला वह हमें अगणित क़े कुछ पलों मे मिल जांय ©Parasram Arora जिंदगी और गणित