White कान्हा है हर रूप में तू सुख दुःख छांव धूप में तू ग्वाल बाल के संग में तू प्रेम के जितने रंग में तू जगत का पालनहार है तू मीरा का गिरधार है तू दीन हीन का दाता तू गीता का निर्माता तू गोप-ग्वाल की हृदय गति उद्धव मन मस्तिष्क मति मैया यशोदा की ममता युग परिवर्तन की तू क्षमता देवकी माँ की वेदना हो ब्रज की सब संवेदना हो रुक्मणी जी का दर्पण हो श्री राधा का समर्पण हो वृंदावन की शांति हो मथुरा की शुभ क्रांति हो विकृतियों का दहन हो तुम आसुरी शक्ति हनन हो तुम अर्जुन की साहस शक्ति मित्र सुदामा की भक्ति तुम सर्वग्य तुम्हीं सृष्टि दीन सुधा की तू दृष्टि भावों से मिल जाओगे तब कान्हा कहलाओगे..! ©अज्ञात #कान्हा