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प्रेम प्राप्त नहीं किया जा सकता.. प्रेम कभी आश ,उम

प्रेम प्राप्त नहीं किया जा सकता..
प्रेम कभी आश ,उम्मीद नहीं करता..
प्रेम पाबन्दियों को सामने नहीं रखता..
प्रेम शरीर से कोई स्वार्थ नहीं रखता..
प्रेम आत्मा को आत्मा से मिलाता है..
प्रेम तपस्या की भांति ही ईश्वर को मिलाता है! #Krishna#प्रेम #अर्थ#परिभाषा
प्रेम प्राप्त नहीं किया जा सकता..
प्रेम कभी आश ,उम्मीद नहीं करता..
प्रेम पाबन्दियों को सामने नहीं रखता..
प्रेम शरीर से कोई स्वार्थ नहीं रखता..
प्रेम आत्मा को आत्मा से मिलाता है..
प्रेम तपस्या की भांति ही ईश्वर को मिलाता है! #Krishna#प्रेम #अर्थ#परिभाषा