कईं बार ऐसा हुआ है जहाँ तुमको अनसुना किया। तुम्हारे इशारे नहीं समझे, तुम पर भी शक किया। तुम्हें बहुत कुछ सुनाया, सिर्फ गलतियां करता रहा। आज भी गलती कर रहा हूँ, अलग रुख अपना लेता हूं। शायद उसी के कुछ नतीजे भी सामने आते है। उन गलतियों की सज़ा भी भुगत रहा हूँ, शायद आगे भी भुगतूं। आंखें नहीं मिला पाता हूँ तुमसे, नज़र झुकी रहती है। पर हर बार ऐसा महसूस होता है कि कुछ छूटा नहीं है। अभी भी एक हाथ है जिसने मेरा हाथ पकड़ा हुआ है। जिसने मुझे उठाया है, चाहे प्यार से या फिर झकझोर कर। हर सज़ा के बाद कुछ देर का सुकून पाया है। करम तो बुरे बहुत है, लेकिन उससे कभी साथ नहीं छूटा है । ©Ananta Dasgupta #pinterest #anantadasgupta #mahadev #omnamahshivaya #writingforshiva #blessing #signal