रूहानी मुस्कान नही देखती दर्द क्या है,,दिल से मासूम होती है जो जिंदगी नही सोचती मर्ज क्या है. दुनिया की भीड़ लगी है खुद की मयीयत सजाने में,,वो नहीं जानती शांति से जीने मे क्या है. तेजाब की बारिश सी है अब सबकी नियत,,जलाते हुए नही देखती गुनाह क्या है. अपने देश से ही काफिर हुए फिरते है लोग,,कोई नही जानता खुदा क्या है. महंगी गाड़ियों में से उतरते है भगवान के द्वार,,कोई नही जानता सच्ची दुआ क्या है. हज़ार फ़ोटो उतारते हैं एक दान देकर,,कोई नही जानता गरीब की सेवा क्या है. अमन भी डूबा पड़ा है झूठी सियाही में,,खुद भी नही जानता हक़ से लिखना क्या है। #muskurahat #nojotonews #nojotohindi #poetry #shayari लेखक--अमनदीप सिंह 💥((((((((((दर्द))))))))))💥