समेटो जल्दी से भावनाओं की गंदगी को फेको बाहर उसे किसी कुङेदान में।।। खोल घर की खिङकियां और दरवाजे भरो कमरे को खुशियों की खुशबू से। सुप्रभात। साफ़ रखो मन का कमरा, मैले कमरे में कौन ठहरा... #मनकाकमरा #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi