मेरे पड़ोस में बहुत सारे घर हैं, उन घरों को अपनी बालकनी से देखता हूँ, क्या फर्क है यही मैं सोंचता हूँ, मैं सुबह आठ बजे जाता हूँ, और रात को नौ बजे आता हूँ, बालकनी में बस सुबह ही जा पाता हूँ, शायद, यही फर्क है मेरे बालकनी में जाने से, बालकनी