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तेरी आंखों से छलका पानी हूं. जो कभी पूरी न हुई ऐसे

तेरी आंखों से छलका पानी हूं. जो कभी पूरी न हुई ऐसे अधूरी कहानी हूं मैं.
 दिखने में तो खामोश हूं पर सुनो तो बेजुबानी कहानी हूं मैं.
 एक तालाब का पानी था तेरे प्यार के दरिया से मिलकर में उठाना चाहता था पर तेरे जख्मो से सुख उसे तालाब का पानी सा हूं मैं..
 नजर का नजर से हटाना आसान नहीं जो तुमसे हटाएगा तो मतलब बात दिल लगानी सी हूं मैं.
 अक्सर प्यार मोहब्बत जैसे लब्ज सुनकर हंस पढ़ता हूं मतलब कुछ तो दर्द की कसक पुरानी सी हूं मैं तेरे आंखों से छलका पानी हूं मैं जो कभी पूरी नहीं हुई ऐसी अधूरी कहानी हूं मैं

©mr..rajkumar..(@)∆√
  #landscape  Neelam Modanwal

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