White पता है तुझे? रिक्त था मेरे पास, किंचित अभिशाप था जीवन। तेरे सानिध्य से रंग है मेरे पास, आस है, आनंद है, है प्रेम का सावन रिमझिम। अंधकार, एकाकी था एक एक रोम रोम। पिघल सा गया मैं भी तेरे प्रेम में, जैसे मोम। बस अपना सानिध्य बनाए रखना, सींच दो मेरे हृदय को अपने प्रेम से। मेरा सब कुछ तुम ही तो हो पगलू, मत सोचो कुछ और, मस्तक से। जिसकी एक एक कोशिका, एक एक क्षण तेरा है, तेरे लिए है। उसके प्रति तेरा समर्पण, उतना भी नहीं विकट, भयंकर है। हां बोल सकती हो अहंकार, या लोभी जो मैने समर्पण मांगा। मैं तेरे सामने नग्न रहना चाहता हूं, कुछ भी छुपा नहीं रहेगा। मैं सिर्फ तेरे हित हेतु ही जीवन चाहता हूं। चाहता हूं तेरा साथ हमेशा। एक बनके रहेंगे, दो शरीर , एक प्राण हो जैसा। ©mautila registan(Naveen Pandey) #surrender