कुछ रातों से बात मेने भी करी कुछ तारे भी यूं गुनगुनाने लगे वो हल्की महक थी फिज़ा में, घुल गई, एक ख़ामोशी जो शायद इस ज़हन में थी सो गई। सवाल उठने लगे थे वक़्त के साथ , वो ख़ामोश हो गए, जो जवाबों का पता पूछने निकले वो ख़ुद गुमशुदा हो गए और इस गहरी रात के अंधेरे में बैठे थे कई जिस्म , ख़ुद की रूह से जुदा हो गए। वो गुमनाम रातें #yqbaba #yqdidi #yqpoetry #yqtales #yqnightthoughts