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चिंगारी अब ज्वाला बन के फूटेगी, जब खुद जनता इस मुद

चिंगारी अब ज्वाला बन के फूटेगी,
जब खुद जनता इस मुद्दे पर टूटेगी।
बहिष्कार यदि नहीं हुआ आरक्षण का,
तो ईवीएम हीं वोट हमारे लूटेगी।।

चोटिल है यह भारत माता आरक्षण की तरुणाई से,
बोझिल है भारत की धरती नेताओ की चतुराई से।
आरक्षण से राष्ट्रगान को गाना नेता लोगों बन्द करो,
अब तो सारे बाहर आओ संविधान की परछाई से।।


श्राप कहूँ मैं इसको सच्चा अथवा मैं समझूँ वरदान,
रोते क्यों हो आरक्षण से मिला हुआ है जो सम्मान।
स्वयं भिखारी से हीं माँग रहे हो खुशियाँ
जो अपने हीं सुख अथवा दुख से है अनजान।

मैं सम्मान करूँगा सभी वतन पुरोधा का,
बाबा साहब,नेहरू,गांधी जैसे युग योद्धा का,
इनके चलते देश हमारा शिखर उचाई पाया है,
तभी तो अपने देश में भ्रस्टाचार नही आ पाया है,

ये कैसा स्वभिमान तुम्हारा जीने का है,
रोटी पे क्यो पलते जब संसार तुम्हारा है,
गर तुममे शक्ति है ऊँचा उड़ने की,
तो पंख फैलाओ ये पूरा आकाश तुम्हारा है,


- *दिप्तेश तिवारी* आरक्षण
किसी जाति धर्म का विरोध नही करता है।
चिंगारी अब ज्वाला बन के फूटेगी,
जब खुद जनता इस मुद्दे पर टूटेगी।
बहिष्कार यदि नहीं हुआ आरक्षण का,
तो ईवीएम हीं वोट हमारे लूटेगी।।

चोटिल है यह भारत माता आरक्षण की तरुणाई से,
बोझिल है भारत की धरती नेताओ की चतुराई से।
आरक्षण से राष्ट्रगान को गाना नेता लोगों बन्द करो,
अब तो सारे बाहर आओ संविधान की परछाई से।।


श्राप कहूँ मैं इसको सच्चा अथवा मैं समझूँ वरदान,
रोते क्यों हो आरक्षण से मिला हुआ है जो सम्मान।
स्वयं भिखारी से हीं माँग रहे हो खुशियाँ
जो अपने हीं सुख अथवा दुख से है अनजान।

मैं सम्मान करूँगा सभी वतन पुरोधा का,
बाबा साहब,नेहरू,गांधी जैसे युग योद्धा का,
इनके चलते देश हमारा शिखर उचाई पाया है,
तभी तो अपने देश में भ्रस्टाचार नही आ पाया है,

ये कैसा स्वभिमान तुम्हारा जीने का है,
रोटी पे क्यो पलते जब संसार तुम्हारा है,
गर तुममे शक्ति है ऊँचा उड़ने की,
तो पंख फैलाओ ये पूरा आकाश तुम्हारा है,


- *दिप्तेश तिवारी* आरक्षण
किसी जाति धर्म का विरोध नही करता है।