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क्या करोगे जब सांसों में कमी होगी पछ्ताओगे जब, सिर

क्या करोगे जब सांसों में कमी होगी
पछ्ताओगे जब, सिर्फ, आंखों में नमी होगी
प्यास तो होगी
मगर बुझाने को जल नहीं
भूख भी होगी
मगर मिटाने को फल नहीं

नोट-वोट कि जो भूख लगी है
जलधारा यूं ही सूख रही है
गिर चुके हैं हम आज इस कदर
प्रकृति-विनाश का भी अब, डर नहीं है

छांव की तलाश में तुम तपते रहोगे
मेघ की आस में बस जपते रहोगे
पश्चाताप उस वक्त देर होगा
इस धरा में जब अंधेर होगा

इस भूमि ने जो तुम्हें दिया है
बदले में ना उसने कभी कुछ भी लिया है
विश इसमें बस भरे जा रहे
काले बादल अब घने आ रहे

अब किसकी तलाश है
किस चीज की आस है
स्वार्थ को अब छोड़ हमें, करना प्रयास है
और जो अब भी ना झुके,
इंसान ना वह जिंदा लाश है Zarurat
#cauverycalling #saveearth #saverivers #nature #nojoto
क्या करोगे जब सांसों में कमी होगी
पछ्ताओगे जब, सिर्फ, आंखों में नमी होगी
प्यास तो होगी
मगर बुझाने को जल नहीं
भूख भी होगी
मगर मिटाने को फल नहीं

नोट-वोट कि जो भूख लगी है
जलधारा यूं ही सूख रही है
गिर चुके हैं हम आज इस कदर
प्रकृति-विनाश का भी अब, डर नहीं है

छांव की तलाश में तुम तपते रहोगे
मेघ की आस में बस जपते रहोगे
पश्चाताप उस वक्त देर होगा
इस धरा में जब अंधेर होगा

इस भूमि ने जो तुम्हें दिया है
बदले में ना उसने कभी कुछ भी लिया है
विश इसमें बस भरे जा रहे
काले बादल अब घने आ रहे

अब किसकी तलाश है
किस चीज की आस है
स्वार्थ को अब छोड़ हमें, करना प्रयास है
और जो अब भी ना झुके,
इंसान ना वह जिंदा लाश है Zarurat
#cauverycalling #saveearth #saverivers #nature #nojoto