गर्दे हैरत से अट गयी दीवार, आइना देख कट गयी दीवार। लोग वे मंजरों से डरा करते थे , अब के काया पलट गयी दीवार, सर को टकराने हम कहाँ जाएँ, शहरे बहशत से पट गयी दीवार। इस कदर टूट का मिला वह शख्स, मेरे अन्दर की फट गयी दीवार। गम ऐ वक्त के सितम टूटे, जब मेरे कद से हट गयी दीवार। हम लतीफा सुना के जब लौटे, कहकहो से लिपट गयी दीवार। फासलें और बढ़ गयी ऐ राज, घर से घर की सट गयी दीवार। ©Deepubodhi लव शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में शायरी लव शायरी