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पेज-38 कहते हैं वैवाहिक कार्यक्रम में बहनें ना हों

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कहते हैं वैवाहिक कार्यक्रम में बहनें ना हों तो ऐसे कार्यक्रम बेहद सूने लगते हैं क्यूंकि कुछ खास पारम्परिक रस्मों में बहनों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका और आवश्यकता होती है.. तब इस दृष्टि से देखा जाये तो मानक इस कसौटी खरे पर खरा उतरता है.. एक दो चार छः तो छोड़िये बहनों की संख्या सैंकड़ो के पार होते जा रही है वहीं भाई मित्र बड़े बुजुर्ग सभी मानक के लिये अपना सब कुछ छोड़छाड़ के आते ही जा रहे हैं.. आज मानक ने अपने प्रारम्भिक जीवन में ही कितना कुछ कमाया है शायद ये तो उसे भी ज्ञात ना हो.. ये सोशल मीडिया में बने रिश्ते आखिर हकीकत में कितने कारगर सिद्ध हुये हैं.. मगर ये तो विशेषता है हमारे व्यवहार की हमारे प्रेम की हमारे व्यक्तित्व की जो मानक के लिये हर कोई रत्नाकर कालोनी का हिस्सा बनने की ललक रखता है... सच कहूँ साहब तो इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है किसी के दिल में अपना स्थान बनाना..और
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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शेष भाग 
हमारे मानक के विवाह में उमड़ता रचनाकारों का जत्था इस बात का प्रमाण है कि सहज स्वभाव विनम्रता शील और अपनत्व की भावना जीवन में कितना महत्व रखती है..            यहाँ सगाई दल रवाना हो चुका मगर रुका नहीं तो मेहमानों के आने का क्रम.. और मजे की बात ये कि सभी पूरे हफ्ते के लिये रत्नाकर कालोनी में ठहरेंगे... मगर साहब रत्नाकर कालोनी का दिल भी तो बहुत बड़ा है हर मेहमान के आते ही पलक पांवड़े बिछा देती है.. 
कथाकार ने अतिउत्साह में कुछ संवेदनशील दृश्यों पर नज़र नहीं डाली.. जहाँ कि उसे बहुत पहले पहुंचना चाहिए था.. मगर कथाकार भी एक आम इंसान है जिससे भूल होना स्वभाविक है.. और कथाकार की ये भूल उसकी अज्ञानता वश हुई है.. भूल ये कि मानक की जितनी बहनों को कथाकार जानता या सूत्रों से जानकारी मिली उनके स्वागत में कहीं कोई कमी नहीं की.. मगर मानक की बहनों का आंकड़ा तो शायद पूरा ही नहीं हुआ.. मानक की सगाई तय हो गई..तब तक उसकी दो बहनों को इस बात की भनक तक नहीं हुई...ये तो बड़ी भारी भूल हो गई कथाकार से.. मगर अभी तक भी कुछ बिगड़ा नहीं है..जब जागो तभी सबेरा..कथाकार जाग गया और सीधे उन दो बहनों के चरणों में माथा टेककर उन्हें अपने साथ मनाकर ले आया.. जी वो दोनों बहनें हैं हमारे नोजोटो ऐप के ओजस्वी रचनाकार मनीषा देवरा जी और.. सिया जी... दोनों को मानक बहुत मानता है और आप दोनों भी मानक को बेहद स्नेह देते हैं..इस रत्नाकर कालोनी में आपका हार्दिक हार्दिक अभिनन्दन है .. अब से आप अपने मानक के साथ सगाई से लेकर विवाह तक साथ होंगे और यदि रत्नाकर कालोनी आपके अनुकूल हो तो इस कालोनी के बड़े भाग्य जो आप भी इसमें आजीवन निवास करें...
मानक की सगाई में पधारे मधुसूदन जी (राइटर) जिनके बारे कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा.. आपके आगमन से रत्नाकर कालोनी कृतकृत्य अनुभव करती है..सादर अभिनन्दन आपका.. यहीं से इस सगाई में अपनी उपस्थिति देने वाले विशिष्ट रचनाकार राजीव भारद्वाज जी..नोजोटो में अपनी रचनात्मकता के दम पर अपनी पहचान बनाने वाले रचनाकार,, और साथ ही मानक के विवाह की खुशी में पधारे प्रियंका जी नोजोटो रचनाकार जिनकी कलम जब रचनाएँ गढ़ती है तो पाठक मन रचनाओं से बाहर आने को नहीं देखता..  आप सभी का बहुत बहुत अभिनन्दन है.. बने रहिये इस भाव-विवाह में.. और सबसे करबद्ध प्रार्थना रत्नाकर कालोनी आपकी अपनी भावों से गढ़ी कालोनी है इसमें निवासकर इसे धन्य धन्य करें... यहाँ से कथाकार आगंतुक अतिथियों को जोड़ता हुआ अब अगले सुनहरे दृश्यों की ओर बढ़ता है.. 
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कहते हैं वैवाहिक कार्यक्रम में बहनें ना हों तो ऐसे कार्यक्रम बेहद सूने लगते हैं क्यूंकि कुछ खास पारम्परिक रस्मों में बहनों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका और आवश्यकता होती है.. तब इस दृष्टि से देखा जाये तो मानक इस कसौटी खरे पर खरा उतरता है.. एक दो चार छः तो छोड़िये बहनों की संख्या सैंकड़ो के पार होते जा रही है वहीं भाई मित्र बड़े बुजुर्ग सभी मानक के लिये अपना सब कुछ छोड़छाड़ के आते ही जा रहे हैं.. आज मानक ने अपने प्रारम्भिक जीवन में ही कितना कुछ कमाया है शायद ये तो उसे भी ज्ञात ना हो.. ये सोशल मीडिया में बने रिश्ते आखिर हकीकत में कितने कारगर सिद्ध हुये हैं.. मगर ये तो विशेषता है हमारे व्यवहार की हमारे प्रेम की हमारे व्यक्तित्व की जो मानक के लिये हर कोई रत्नाकर कालोनी का हिस्सा बनने की ललक रखता है... सच कहूँ साहब तो इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है किसी के दिल में अपना स्थान बनाना..और
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©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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हमारे मानक के विवाह में उमड़ता रचनाकारों का जत्था इस बात का प्रमाण है कि सहज स्वभाव विनम्रता शील और अपनत्व की भावना जीवन में कितना महत्व रखती है..            यहाँ सगाई दल रवाना हो चुका मगर रुका नहीं तो मेहमानों के आने का क्रम.. और मजे की बात ये कि सभी पूरे हफ्ते के लिये रत्नाकर कालोनी में ठहरेंगे... मगर साहब रत्नाकर कालोनी का दिल भी तो बहुत बड़ा है हर मेहमान के आते ही पलक पांवड़े बिछा देती है.. 
कथाकार ने अतिउत्साह में कुछ संवेदनशील दृश्यों पर नज़र नहीं डाली.. जहाँ कि उसे बहुत पहले पहुंचना चाहिए था.. मगर कथाकार भी एक आम इंसान है जिससे भूल होना स्वभाविक है.. और कथाकार की ये भूल उसकी अज्ञानता वश हुई है.. भूल ये कि मानक की जितनी बहनों को कथाकार जानता या सूत्रों से जानकारी मिली उनके स्वागत में कहीं कोई कमी नहीं की.. मगर मानक की बहनों का आंकड़ा तो शायद पूरा ही नहीं हुआ.. मानक की सगाई तय हो गई..तब तक उसकी दो बहनों को इस बात की भनक तक नहीं हुई...ये तो बड़ी भारी भूल हो गई कथाकार से.. मगर अभी तक भी कुछ बिगड़ा नहीं है..जब जागो तभी सबेरा..कथाकार जाग गया और सीधे उन दो बहनों के चरणों में माथा टेककर उन्हें अपने साथ मनाकर ले आया.. जी वो दोनों बहनें हैं हमारे नोजोटो ऐप के ओजस्वी रचनाकार मनीषा देवरा जी और.. सिया जी... दोनों को मानक बहुत मानता है और आप दोनों भी मानक को बेहद स्नेह देते हैं..इस रत्नाकर कालोनी में आपका हार्दिक हार्दिक अभिनन्दन है .. अब से आप अपने मानक के साथ सगाई से लेकर विवाह तक साथ होंगे और यदि रत्नाकर कालोनी आपके अनुकूल हो तो इस कालोनी के बड़े भाग्य जो आप भी इसमें आजीवन निवास करें...
मानक की सगाई में पधारे मधुसूदन जी (राइटर) जिनके बारे कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा.. आपके आगमन से रत्नाकर कालोनी कृतकृत्य अनुभव करती है..सादर अभिनन्दन आपका.. यहीं से इस सगाई में अपनी उपस्थिति देने वाले विशिष्ट रचनाकार राजीव भारद्वाज जी..नोजोटो में अपनी रचनात्मकता के दम पर अपनी पहचान बनाने वाले रचनाकार,, और साथ ही मानक के विवाह की खुशी में पधारे प्रियंका जी नोजोटो रचनाकार जिनकी कलम जब रचनाएँ गढ़ती है तो पाठक मन रचनाओं से बाहर आने को नहीं देखता..  आप सभी का बहुत बहुत अभिनन्दन है.. बने रहिये इस भाव-विवाह में.. और सबसे करबद्ध प्रार्थना रत्नाकर कालोनी आपकी अपनी भावों से गढ़ी कालोनी है इसमें निवासकर इसे धन्य धन्य करें... यहाँ से कथाकार आगंतुक अतिथियों को जोड़ता हुआ अब अगले सुनहरे दृश्यों की ओर बढ़ता है.. 
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