हर तरफ शोर है हिंदी क्योंकि लगती है इस पर बिंदी फिर भी लोग करते हैं इसका तिरस्कार क्योंकि दसवीं के बाद नहीं है प्रसार यदि सही में राष्ट्रभाषा बनाना है तो दायरा इसका बढ़ाना है प्रौद्योगिक क्षेत्र हो या को चिकित्सा कॉलेज हो या हो शिक्षा सब की पुस्तक विकसित कर विश्व विजेता बन जाना है चौथे से क्यों संतुष्ट हो प्रथम स्थान पाना है। 14 दिन ही क्यों 365 दिन इसको सरताज बनाना है। #हिंदिदिवस_मातृभाषा