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आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहन

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो 
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो 
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें 
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो 
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो 
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो 
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में 
कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो 
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे 
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मेयारी रखो 
ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन 
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो 
ले तो आए शाइरी बाज़ार में राहत मियाँ 
क्या ज़रूरी है कि लहजे को भी बाज़ारी रखो|

©Mubarak Tamboli हिंदी शायरी
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो 
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो 
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें 
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो 
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो 
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो 
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में 
कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो 
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे 
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मेयारी रखो 
ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन 
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो 
ले तो आए शाइरी बाज़ार में राहत मियाँ 
क्या ज़रूरी है कि लहजे को भी बाज़ारी रखो|

©Mubarak Tamboli हिंदी शायरी
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