प्रतिज्ञा........ खाकी पहन कर निकले है भारत मां की रक्षा को फिर क्यूं तिरंगे में लिपटे लौट रहे अपने मां के आंचल में। देश की रक्षा करने को निकले रण बांकुरे फिर क्यूं ऐसे छूट रहे हमसे ये लाल हरे। धरती मां का सीना चौरा हो रहा फिर क्यूं मां रों रही सीना पिटे दोराहे। कुछ लोग घर बैठे विचार दे रहे क्यूं ऐसा हो रहा, क्यूं हम सह रहे लोगो को तो कहना है, हम कदम उठाएंगे क्यूं सिर्फ कह रहे, सिर्फ आहें भर रहे। अब कदम बढ़ा, प्रतिज्ञा कर आत्मनिर्भर बनना है, विदेशी वस्तु का उपयोग नहीं करना है हमें मुंहतोड़ जवाब देकर आगे बढ़ना है। प्रतिज्ञा.....#collaboath #collabpain