#5LinePoetry जलता दीपक जगती रोशनी जलता मन लगे तपन आशा तृष्णा लोभ में, जले बुझे मानव तन - मन मानुष दैत्य ने नष्ट किया,, सुंदर जीवनदायी धरती गगन काली खोपड़ी के आदम में जले जठरानल इस दैत्य क्रूर कृत्य पर जले बुझे ये व्याकुल नयन rkysky frnds4ever #जलता #दीपक जगती #रोशनी जलता #मन लगे तपन #आशा तृष्णा #लोभ में, जले बुझे #मानव तन - मन मानुष दैत्य ने नष्ट किया,, सुंदर जीवनदायी #धरती #गगन