भले ही बेहोश रहेंगी आंखे तेरी आन में सरफ़रोश रहेंगी आंखे हो जाऊंगा मैं खामोश मगर।ल क्या खामोश रहेंगी आँखे (पढ़े पूरी रचना कैप्शन में)