*आज की कविता हर माँ के लिए....*
वाह रे पौरुष तेरा.....
माँ के दूध का कर्ज उसी के खून से चुकाते हो...
दूध पीकर माँ का तुम उस दूध को ही लजाते हो...
वाह रे पौरुष तेरा...तुम खुदको मर्द कहते हो...
हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी...
हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी...
उस सीने में छुपी ममता कोई तुमको देख नहीं पाते हो.... #shayri#Mother#maa#poem#Mom#kavita#lovemom