प्रिय नानी, जन्मदिन की बहुत शुभकामनायें.. एक बरस हो गया तुम्हें गये हुए,पर न जाने ऐसे कितने पल हैं.. जब यूँ ही तुम याद आ जाती हो,जब जब घटित होता है कुछ नव अनायास ही याद आ जाता है..हर नयी घटना पर वो सुनाना तुम्हारा कोई पुराना अनुभव,अपने जीवन संघर्ष के पिटारे से निकाल कर... इस बरस हालातों के आगे विवश ही सही जब साथ थे सब तब न, जाने अनजाने बहुत याद आया..तुम्हारा उलाहना देना कि समय ही नहीं है, किसी के पास कि कोई बैठे फुरसत से मेरे साथ और घंटों करे बातें मुझसे गुज़रे ज़माने की.. कितनी ही बार लगा कि काश...ईश्वर ने लिखी होती तुम्हारे हिस्से थोड़ी और ज़िन्दगी... याद आ जाता है अक्सर ही मेरा, तुम पर वो झुंझला जाना, वो सारी पुकारें जो शायद तब किसी कारणवश अनसुनी रह गयीं अब अक्सर रात के सन्नाटे में गूँजती हैं मेरे कानों में..आज भी आ जाती हो तुम मेरे सपनों में, कभी हँसती- मुस्कुराती, कभी बतियाती, तो कभी अपना दुखड़ा सुनाती रोती हुई.. शायद यही सबसे अच्छा तरीका है अपनी कुशल क्षेम पहुंचाने का मुझ तक, वो ख़ास तुम्हारी विधि वाले करेले अब तक नहीं बने,और हर बार ही पोहा बनने पर निकल आता है किसी न किसी के मुँह से कि इस पोहे में, वो तुम्हारे हाथों वाला स्वाद नहीं... तुम्हारे जाने पर सब की आँखे नम थी सिवाय मेरे..एक आँसू भी नहीं बहाया मैंने तुम्हारे जाने पर.. तब लगा था जैसे मेरे अंदर कुछ टूट गया है,और नमी बची नहीं है इन आँखों में... ये भी लगा कि शायद संवेदन हीन हो चुकी हूँ मैं, पर अब... अब समझ पायी हूँ मैं.. कि तुम गयी तो हो लेकिन,हर किसी में अपना एक हिस्सा छोड़कर.. नज़र आती हो इस घर के हर एक हिस्से में,परिवार के हर सदस्य में थोड़ी सी तुम... हर एक की किसी न किसी आदत में झलक जाती हो तुम.. कभी मासी में तुम्हारा अक्स नज़र आता है तो कभी मां में तुम्हारी परछाई.. कभी मामा की आदतों में झलक जाती हो..तो कभी हम बहनों में भी दिख जाती हो थोड़ी सी तुम... तुम आज भी हमारे साथ हो.. हर एक में हर एक का हिस्सा बनकर.... फिर भी यूँ ही बात बिन बात याद आ जाती हो तुम.. ©Anubha "Aashna" #HappyBirthdaynani #नानीकोपाती #जज़्बात_ए_आशना