कितनी खूबसूरत होती हैं न ये बारिश की बूंदे कितनी पाक कितनी पवित्र जैसे तुम्हारा प्रेम मेरे लिए जो सिर्फ देना चाहता है हर ख़ुशी मुझे ज़माने भर की जो मुझे ले जाना चाहता है उस छोर पर जहाँ से शुरू होती है जीवन की यात्रा ऐसा ही है तुम्हारा प्रेम मेरे लिए निस्वार्थ , अटूट और दृढ़ जैसे ये बुँदे भिगो देती है तपती हुई धरा को अपनी शीतलता से वैसे ही भिगो देते हो तुम अपने शब्दों से अपने अहसास से ऐसा ही है तुम्हारा प्रेम !!!!!