अधूरा सच कोई शिकवा नहीं,ना कोई शिकायत है। बस इतनी सी इल्तिज़ा है मेरी तुमसे, जिस अधूरे सच पर रूठी बैठी हो, एक बार उसे पूरा सुना तो होता।। #अंकित सारस्वत# #अधूरासच