हमें लगता था, दूर की रिश्तेदार से इश्क़ घाटे का सौदा था, हमें लगता था, दूर से किश्तवार सुर्ख नज़रों का मिलन कुछ ज्यादा था, हमें लगता था, इश्क़ का अंजाम गम की अमावस रात लेकर आएगी, हमें लगता था, मेरी कल्पनाओं वाली इश्क़ का वास्तविक गैर बन जाएगा, हमें लगता था, जो इतने क़रीब हैं दिल के वो भला मेरे बिन कैसे रह पाएंगे? हमें नहीं लगता था, नए साथी मिलने पर अपने जुनून-ए-इश्क़ से इतना खफ़ा हो जाएंगे।। #लगताथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #krisu_mg