इश्क़ का मंज़र चढ़ा ऐसे मैंने देखे हैं इश्क के मंजर जमाने में, किसी का इश्क मुकम्मल ना हुआ, किसी ने पाया किसी को अंजाने में। कोई बेताब था पास आने के लिए, किसी को यकीं था मोहब्बत पे यहाँ, खुश था कोई किसी को भूल जाने में। मंजर #Love #मंजर #मोती #दृश्य