विधा - कुण्डलिया विषय- बलिदान सपने आँखों में लिए , जो करते थे ध्यान । राम लला के नाम पर, दिए प्राण बलिदान ।। दिए प्राण बलिदान , समझकर भाग्य हमारे । राम-लला के आज , बने हम सभी दुलारे ।। रहा प्रखर सौभाग्य , वही पूर्वज थे अपने । आज वही बलिदान , पूर्ण करते है सपने ।। २९/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा - कुण्डलिया विषय- बलिदान सपने आँखों में लिए , जो करते थे ध्यान । राम लला के नाम पर, दिए प्राण बलिदान ।। दिए प्राण बलिदान , समझकर भाग्य हमारे ।