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सादर प्रणाम जी, तीव्र ध्वनि का असर सबसे ज्यादा कहा

सादर प्रणाम जी,
तीव्र ध्वनि का असर सबसे ज्यादा कहां होता है तो आपको समझ जाना चाहिए जब एक डीजे तीव्र ध्वनि के साथ कंपन निकालता है तो 100 गज की दूरी से मकान के अंदर रखे समान कंप होकर हिलने लगते हैं और गिर जाते हैं अंदर रहने वाले इंसान को ऐसा लगता है जैसे मकान गिरने वाला है बूढ़े, बीमार, दिल के रोगी, अधिक कमजोर वाले मनुष्यों को परेशानी हो जाती है किसी किसी की तो मौत भी हो गई। आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं जब 11 दिन के बच्चे का नामकरण होता है वहां पर डीजे की तीव्र ध्वनि और वाइब्रेशन बच्चे पर और उसकी मां पर कितना असर होता होगा क्या आपने कभी सोचा यदि सोचते हैं तो ऐसा क्यों करते हैं।
इससे आगे जो इससे भी नाजुक है वह है गर्भवती महिला आपको आश्चर्य होगा की गर्भ में पल रहे बच्चे पर क्या असर पड़ेगा।
सबसे आश्चर्य की बात जब उसकी तीव्र ध्वनि और वाइब्रेशन निकलती है शरीर में करंट सा दौड़ने लगता है कान सुनना कम हो जाता है यह तो रहा दुष्प्रभाव ।
हमारे वैदिक संस्कृति के अनुसार भोजन शांति से करना चाहिए लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है की हमने अपनी संस्कृति को बहुत दूर कर दिया हम भोजन के समय नाच नाच कर भोजन करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह बात सभी जानते हैं अब तो भजन के समय अर्थात श्याम को आरती कीर्तन पूजा में भी शोर मचा कर अर्थात डीजे के द्वारा शुरू कर दिया है अर्थात हमारी वैदिक संस्कृति को बहुत नीचे गिरा दिया है क्योंकि वैदिक संस्कृति के अनुसार भारतीय संस्कृति के अनुसार भजन और भोजन शांति से करनी चाहिए अफसोस की बात यह सब जानते हुए भी एक बड़ा डीजे धमाकेदार आवाज वाला गांव में आ जाए सभी एक दूसरे को अपनी परेशानी बताएंगे लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती की कम आवाज के लिए बताया जाए मुझे अच्छी तरह से ज्ञात है जब मैं जंगल में साधना के लिए जाता हूं चार-पांच किलोमीटर दूर तक उसकी तीव्र ध्वनि ह्रदय को पीड़ा पहुंच आती है लेकिन अफसोस इस दुख में जीवन को मनुष्य जानबूझकर ग्रहण करता है इसकी तरफ गांव का प्रधान बुद्धिजीवी व्यक्ति कोई पुलिस सांसद विधायक धर्म के ठेकेदार पता नहीं इस बिगड़ती हुई संस्कृति की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे। आज सिर्फ इतना ही। धन्यवाद। आप सभी से प्रार्थना है कि आप इसकी तरफ ध्यान दें।

©डॉक्टर श्रीपाल फौजी ध्वनि प्रदूषण

#Darknight
सादर प्रणाम जी,
तीव्र ध्वनि का असर सबसे ज्यादा कहां होता है तो आपको समझ जाना चाहिए जब एक डीजे तीव्र ध्वनि के साथ कंपन निकालता है तो 100 गज की दूरी से मकान के अंदर रखे समान कंप होकर हिलने लगते हैं और गिर जाते हैं अंदर रहने वाले इंसान को ऐसा लगता है जैसे मकान गिरने वाला है बूढ़े, बीमार, दिल के रोगी, अधिक कमजोर वाले मनुष्यों को परेशानी हो जाती है किसी किसी की तो मौत भी हो गई। आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं जब 11 दिन के बच्चे का नामकरण होता है वहां पर डीजे की तीव्र ध्वनि और वाइब्रेशन बच्चे पर और उसकी मां पर कितना असर होता होगा क्या आपने कभी सोचा यदि सोचते हैं तो ऐसा क्यों करते हैं।
इससे आगे जो इससे भी नाजुक है वह है गर्भवती महिला आपको आश्चर्य होगा की गर्भ में पल रहे बच्चे पर क्या असर पड़ेगा।
सबसे आश्चर्य की बात जब उसकी तीव्र ध्वनि और वाइब्रेशन निकलती है शरीर में करंट सा दौड़ने लगता है कान सुनना कम हो जाता है यह तो रहा दुष्प्रभाव ।
हमारे वैदिक संस्कृति के अनुसार भोजन शांति से करना चाहिए लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है की हमने अपनी संस्कृति को बहुत दूर कर दिया हम भोजन के समय नाच नाच कर भोजन करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह बात सभी जानते हैं अब तो भजन के समय अर्थात श्याम को आरती कीर्तन पूजा में भी शोर मचा कर अर्थात डीजे के द्वारा शुरू कर दिया है अर्थात हमारी वैदिक संस्कृति को बहुत नीचे गिरा दिया है क्योंकि वैदिक संस्कृति के अनुसार भारतीय संस्कृति के अनुसार भजन और भोजन शांति से करनी चाहिए अफसोस की बात यह सब जानते हुए भी एक बड़ा डीजे धमाकेदार आवाज वाला गांव में आ जाए सभी एक दूसरे को अपनी परेशानी बताएंगे लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती की कम आवाज के लिए बताया जाए मुझे अच्छी तरह से ज्ञात है जब मैं जंगल में साधना के लिए जाता हूं चार-पांच किलोमीटर दूर तक उसकी तीव्र ध्वनि ह्रदय को पीड़ा पहुंच आती है लेकिन अफसोस इस दुख में जीवन को मनुष्य जानबूझकर ग्रहण करता है इसकी तरफ गांव का प्रधान बुद्धिजीवी व्यक्ति कोई पुलिस सांसद विधायक धर्म के ठेकेदार पता नहीं इस बिगड़ती हुई संस्कृति की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे। आज सिर्फ इतना ही। धन्यवाद। आप सभी से प्रार्थना है कि आप इसकी तरफ ध्यान दें।

©डॉक्टर श्रीपाल फौजी ध्वनि प्रदूषण

#Darknight