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काश मानव का मन भी फूलों की तरह होता, तो ये सारा सं

काश मानव का मन भी फूलों की तरह होता,
तो ये सारा संसार स्वर्ग की तरह होती।

प्यार ही प्यार चारों तरफ होता,
दुखी दुनिया में कोई न होता।

जीवन सबका फूलों सा महकता होता,
न कोई अपना
न कोई पराया होता।

मानव न तो धर्मों में
न जातियों में बंटा होता,
एक ही माला में मनुष्य गूंथा होता।

न कुछ खोने के लिए होता,
गुलजार सबका जीवन होता।

भेद भावों से सब दूर होता,
चैन की नींद हर वक्त सोता।

©Shishpal Chauhan
  #आशाएँ #शानदार कविता

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