Unsplash कुछ ख्वाब रह गए है अधूरे, हम खुद को कसूरवार ठहराते है, कर्म तुम्हारे हाथ में है हिमांशु तुम्हारा, और क्या हमें सफल बनाते है ©Himanshu Sharma hindi shayari