अकेला खड़ा देख रहा था दूर तक बिन पलके झपकाये एकटक अगर मुड जाती पिछे तो हौसला बढ़ जाता सालो की तन्हाई में बया कर पाता वो चली जा रही थी ,तन्हाई बढ़ी जा रही थी मेने कहा दिल को रुक भी जा रुक गया दिल फिर जिया धड़क धड़क। शुभम् #story