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अकेला खड़ा देख रहा था दूर तक बिन पलके झपकाये एकटक अ

अकेला खड़ा देख रहा था दूर तक
बिन पलके झपकाये एकटक
अगर मुड जाती पिछे तो हौसला बढ़ जाता 
सालो की तन्हाई में बया कर पाता
वो चली जा रही थी ,तन्हाई बढ़ी जा रही थी
मेने कहा दिल को रुक भी जा
रुक गया दिल 
फिर जिया धड़क धड़क।
शुभम् #story Sonam Sharma
अकेला खड़ा देख रहा था दूर तक
बिन पलके झपकाये एकटक
अगर मुड जाती पिछे तो हौसला बढ़ जाता 
सालो की तन्हाई में बया कर पाता
वो चली जा रही थी ,तन्हाई बढ़ी जा रही थी
मेने कहा दिल को रुक भी जा
रुक गया दिल 
फिर जिया धड़क धड़क।
शुभम् #story Sonam Sharma