ओ इन्सान तू हर बात में ख़ुदा को क्यों लाता है, पाप ख़ुद करता और निजात ख़ुदा से पाता है। तू उसे माने या ना माने पर वो तो तुझे मानता है, तू पहचाने या नहीं पर वो सबको पहचानता है। जब दिन थे तेरे हसीन कभी याद किया नहीं तूने, ना शुक्रगुज़ार हुआ ना ही शुक्रिया अदा किया तूने। ख़ुदा की दुहाई देता हर बात में तू ख़ुदा पे ना जा, छोड़ दे अपने बुरे कर्म वापस लौट के तू आजा। जो होगी ख़ुदा की रज़ा बस वही होगी तेरी सज़ा, अपने कर्मफलों को भोगेगा यही होगी तेरी क़ज़ा। The Writer's Magnet आप सभी का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। आपकी रचना 4 से 10 पंक्तियों तक ही होनी चाहिए। #writersmagnet #wmchallenge #wmkhuda #yqdidi #yqhindi ✍️ आपकी रचना व्यक्तिगत एवं मौलिक होनी चाहिए। ✍️ समय सीमा - रात्रि 09:00 तक ✍️ कृपया हमारे hashtags बरकरार रखें। ✍️ कृपया collab करने के पश्चात comment में Done करें।